♦मणिपुर हिंसा पर केंद्र ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
♦तो राहुल गांधी ने पूछ लिया बड़ा सवाल
♦क्या पीएम मोदी के लिये जरूरी नहीं है ये बैठक
♦क्या पीएम के लिए ज्यादा खास है विदेशी दौरे
♦आखिर प्रधानमंत्री ने क्यों साध रखी है चुप्पी
एक तरफ मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. एक लंबा समय बीत जाने के बाद आखिर केंद्र सरकार को ये याद आ ही गया की इस मामले पर एक बैठक बुलाते है.तो बिना देरी किये मणिपुर में लगभग पिछले डेढ़ महीने से जारी हिंसा और तनाव की स्थिति पर चर्चा के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक बुला ही रही.लेकिन जरा गौर करियेगा दोस्तों इस बैठक को ऐसे समय बुलाया गया जब देश के प्रधानमंत्री मोदी जी खुद इस देश में है ही नहीं.वो तो अमेरिका और मिस्त्र देश की यात्रा पर है.तो अब बड़ा सवाल ये है की क्या पीएम मोदी जब भारत में थे.तब इस बैठक की याद सरकार को नहीं आई थी.और भारत का एक राज्य जल रहा है.और ऐसे समय में क्या पीएम मोदी के लिए अपने देश से ज्यादा विदेशी दौरे जरूरी थे.
दोस्तों अब तो इसपर विपक्ष भी सवाल पूछ रहा है.कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा की जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं तो ऐसे समय में मणिपुर के मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने का क्या मतलब है? मुख्य विपक्षी दल ने मणिपुर में हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी और इस बैठक के इम्फाल के बजाय दिल्ली में होने को लेकर भी सवाल किए.
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा की मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे. सर्वदलीय बैठक तब बुलाई गई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं. साफ है, प्रधानमंत्री के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं. वह स्वदेश लौटने से पहले मिस्र का भी दौरा करेंगे. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक वीडियो जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री अमेरिका में हैं, लेकिन वह मणिपुर के बारे में खामोश हैं. उन्होंने मणिपुर के नेताओं से मुलाकात करने से मना कर दिया. हिंसा के 51 दिन बीत जाने के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है.
जयराम रमेश ने सवाल किया कि सर्वदलीय बैठक का मतलब क्या है जब प्रधानमंत्री यहां नहीं हैं? दिल्ली में इस बैठक का क्या मतलब है जब इसे इम्फाल में होना चाहिए? जब देश का एक राज्य जल रहा है तो प्रधानमंत्री खामोश क्यों हैं? रमेश ने दावा किया कि गृह मंत्री शाह के मणिपुर दौरे का कोई असर नहीं हुआ है, राज्य में लोगों के बीच विभाजन की स्थिति बनी हुई है तथा लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हुआ है वह ‘डबल इंजन सरकार’ की विफलता है.
दोस्तों इस पर सवाल उठना लाजमी है. एक तरफ देश का गोदी मीडिया मोदी सराकर का गुडगान दिखा रहा है. पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को भारत के गौरव का क्षण बता रहा है.बड़े बड़े गोदी मीडिया के न्यूज एंकर ब्लैक एंड व्हाइट में इसका सच्चा और संपूर्ण विश्लेषण कर रहे है. लेकिन कोई मणिपुर हिंसा की तस्वीरें दिखाने को तैयार नहीं, क्योकिं भाई इन सब से जरूरी तो इस वक्त देश के प्रधानमंत्री जी की विदेश यात्रा को कवर करना है अब कोई चैनल भला भारत के गौरव का क्षण छोड़कर दूसरी फाल्तू खबरों पर ध्यान क्यों देखा.