उत्तरप्रदेश मे जहां योगी सरकार के राज मे यूपी से गुंडाराज खत्म होने का दावा किया जाता है, जनता के भयमुक्त होने का दावा किया जाता है उसी भयमुक्त यूपी से आए दिन कोई न कोई वारदात सामने आती ही रहती है जिसको लेकर कहीं न कहीं योगी के प्रशासन औऱ योगी की पुलिस दोनो पर ही सवाल खड़े होते है कि आखिर कैसी सुरक्षा दे रही योगी सरकार और इसी सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े करते हुए एक और मामला सामने आया है जिसको लेकर शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने उनके घर में घुसकर पत्नी से मारपीट की। वहीं उनके यतीमखाने में आवंटित आवास पर ताला बंद कर दिया। साथ ही आरोप है कि सआदतगंज थाने में तैनात दरोगा की मिली भगत से ही वारदात को अंजाम दिया गया।
जेल में बंद वसीम रिजवी की पत्नी फरहा फातिमा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को शाम 5.30 बजे के आसपास घर में कुछ काम चल रहा था। जिसमें उनकी ममेरी बहन निदा फातिमा व अन्य लोगों के साथ घर में कुछ काम करवा रही थी। तभी अचानक कुछ लोग घर मे घुस आए। इन लोगों ने उनकी ममेरी बहन निदा का काम करने वाले बढ़ई से गाली-गलौज करने लगे। मेरी बहन ने इसकी सूचना मुझे दी। मैंने तुरन्त थाना सआदतगंज को कॉल कर सूचना दी। इसके बाद घर गई। मेरे साथ में मेरी छोटी बहन अमरीन व भाभी उजमा बानो भी पहुंची। वहां पहुंचते ही आरोपी मेरे साथ भी हाथापाई व गाली-गलौज करने लगे। वहां मौजूद दरोगा जैदी खड़े मूकदर्शक बने देखते रहे और मैं मिन्नतें करती रही। दरोगा ने जबरन मुझसे मेरे घर की चाबी ले ली और हम सबको घर से निकाल बाहर कर दिया।
वही प्रभारी निरीक्षक सआदतगंज बृजेश कुमार यादव के मुताबिक वसीम रिजवी के चेयरमैन रहते हुए यतीमखाने का एक मकान उनके रिश्तेदार के नाम से आवंटित हुआ था। उनका आवंटन रद्द करके वफ्फ ने यह मकान अब किसी और को आवंटित कर दिया है। जिसे आवंटन हुआ वह शुक्रवार को कब्जा लेने पहुंचा था। वसीम की पत्नी इसका विरोध कर रही थी। इसी को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी।