योगी की यूपी पुलिस पर चढ़ा सत्ता का रौब……………………………………….

उत्तर प्रदेश राज्य
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[ KABEER NEWS DESK ] 

यूपी मे योगी की पुलिस से जनता त्रस्त है जिसका सबसे बड़ा कारण है यूपी पुलिस पर चढ़ा सत्ता का रौब, जिसके चलते वो जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने के बजाय जनता पर ही अपना रौब जमाने लगी है जिस पर योगी सरकार की चुप्पी यूपी पुलिस को बढ़ावा देती है अब ऐसा ही एक मामला यूपी के संभल से आ रहा है जहां कोतवाली संभल में तैनात एक महिला दरोगा का ड्यूटी पर रहते हुए वह एक व्यक्ति से पैर दबवाती तस्वीर जनता के सामने आई है । जिसपर सफाई पेश करते हुए उन्होने कहा कि गर्दन में दर्द होने की बात कही गई है।

आपको बता दे कि ये मामला बीते बुधवार को उत्तरप्रदेश के संभल से आया है जहां यूपी के कोतवाली संभल में तैनात महिला दरोगा शबनम कार्यालय में बैठकर अपने पैर दबवाती दिख रही हैं। उन्होंने अपने पैर को उस कुर्सी पर रखा है, जिस पर पैर दबाने वाला व्यक्ति बैठा था।

दरअसल कोतवाली में ड्यूटी पर रहते हुए ये महिला दरोगा एक व्यक्ति से पैर दबवा रहीं थीं। साथ ही खुद फोन पर किसी से बात भी कर रहीं थीं। पूछने पर अपनी गलती छुपाने और सफाई पेश करते हुए महिला दरोगा ने कहा कि गर्दन में दर्द है इसलिए एक्यूप्रेशर विधि से वह उपचार करा रहीं थीं। पर हम इस तस्वीर से साफ देख सकते है कि न ही इसमे कहीं से महिला दरोगा के गर्दन मे दर्द नजर आ रहा है औऱ न ही दी जाने वाली सेवा एक्यूप्रेशर विधि।

इस दृश्य की चर्चा गहराने के साथ ही महिला दरोगा ने कहा कि जो व्यक्ति पैर दबा रहा था वह उत्तराखंड के हल्द्वानी का रहने वाला है। गर्दन में दर्द था इसलिए एक्यूप्रेशर विधि से उपचार करा रही थीं। जो व्यक्ति आया था वह लोगों के दर्द का उपचार करता है। मैंने भी करा लिया। साथ ही कोतवाल मामला संज्ञान में नहीं होने की बात कह रहे हैं।

आपको बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब यह महिला दरोगा किसी विवादित मामले मे घिरी हो। इन्हीं महिला दरोगा पर पूर्व में बरेली मे तैनात रहते समय एक दरोगा की गैर इरादतन हत्या के आरोप का मुकदमा चल चुका है।

इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक, संभल,चक्रेश मिश्र ने कहा कि महिला दरोगा को कोई समस्या है, ऐसी जानकारी मिली है। लेकिन ऐसे कार्यालय में बैठकर उपचार लेना सही नहीं है। जानकारी करते हैं कि ऐसा क्यों किया गया है।

पर सवाल ये उठता है कि योगी की पुलिस को इस पद पर जनता की सेवा के लिए बिठाया गया है या जनता से खुद की सेवा कराने के लिए और ऐसे पुलिस वालो पर योगी सरकार कब तक और क्या कदम उठाती है

और अगर नही उठाती है तो ये योगी की पुलिस नही योगी सरकार पर सवाल खड़े करता है।

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