ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण मे कम या फिर देरी से प्रतीत हो रहे हैं लक्षण : डॉ. अंकुर गोयल

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[ KABEER NEWS DESK ]

देशभर मे जहां एक तरफ तेजी से बढ़ते कोरोना के मामले थमने का नाम नही ले रहे है तो वहीं दूसरी तरफ जनता की लापरवाही भी सांतवे आसमान पर है जिसका नतीजा ये हो रहा है कि कोरोना मामलो मे लगातार बढ़त दर्ज की जा रही है। चाहे ये वैरिएंट इतना खतरनाक न हो पर इसकी संक्रमण की रफ्तार पहले के वैरिएंट की तीन गुना है पर जनता के द्वारा न ही किसी कोरोना गाइडलाइन का पालन हो रहा है और न ही मास्क लगाया जा रहा है जिसको लेकर सरकारे चिंतित है।

आपको बता दे कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बढ़ते संक्रमण के चलते यह ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा  है। आगरा में संक्रमण की रफ्तार बहुत तेज है। बीते वर्ष पूरे जनवरी महीने में 241 मरीज मिले थे, यानी हर दिन आठ संक्रमित मिल रहे थे। और अगर आज के हालात देखे तो अब सात दिन में ही 452 मरीज मिल चुके हैं। इस लिहाज से प्रतिदिन औसत 65 मरीज सामने आ रहे है और यह आठ गुना तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञ इसकी दर अभी और बढ़ने की आशंका जता रहे हैं।

कोरोना के इस संक्रमण को देखते हुए सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग में डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है। दोनों वैरिएंट के चलते ही संक्रमण की दर बढ़ी है। 2021 जनवरी की बात करें तो 31 दिन में 241 संक्रमित मिले थे और 27218 नमूनों की जांच हुई थी।  औसतन 113 नमूनों की जांच में एक संक्रमित मिला। इस साल जनवरी के शुरुआती सात दिन में 454 मरीज मिल चुके हैं, औसतन हर रोज 65 मरीज संक्रमित हैं। इस तरह से पहली लहर के मुकाबले तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण की दर करीब आठ गुना अधिक है।

इस खतरे को देखते हुए एसएन मैडिकल कालेज के माइक्रो बायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि ओमिक्रॉन विदेशों के साथ अपने यहां भी तेजी से फैल रहा है। अभी तक की स्टडी में इसके संक्रमित करने की दर कई गुना है। उन्होने एक सबसे ज्यादा डराने वाली बात बताई कि इसमें लक्षण भी कम या फिर देरी से प्रतीत हो रहे हैं। ऊपर से डेल्टा वैरिएंट भी है ऐसे मे खतरा दोगुना बढ़ गया है।

साथ ही एसएन मैडिकल कालेज की वायरोलॉजी लैब की डॉ. आरती अग्रवाल ने बताया कि ओमिक्रॉन को कम खतरा जानकर लोग लापरवाही बरत रहे हैं, यह घातक होगा। इसमें लक्षण कम नजर भले ही आ रहे हैं, लेकिन संक्रमित की दर अधिक है, अभी यहां शुरूआती दौर है, ऐसे में लोग टीकाकरण कराने के साथ मास्क जरूर लगाएं।

पर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बारे मे जानते हुए भी जनता अनजान बनकर लापरवाही बरत रही है जिसको लेकर राज्य और केंद्र सरकार दोनो ही चिंतित है

पर कहीं न कहीं सरकार लाकडाउन के चलते जनता को होने वाले नुकसान को देखते हुए यह निर्णय नही लेना चाहती है अगर यहीं  हाल रहा तो जनता को कदम उठाना ही पड़ेगा जैसे मुंबई सरकार ने उठाया है।

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