मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब प्रदेश के शहरी विकास के बाद गांव के विकास की ओर अग्रसर हो गए है ताकि अब गांव की जनता को भी सारी सुविधाएं प्राप्त हो सके और विकास के क्षेत्र मे आगे बढ़े। जिसको लेकर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की स्वावलंबी ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर उत्तरप्रदेश का आधार बनेंगी। स्वावलंबी, सशक्त और आधुनिक ग्राम पंचायतें यूपी की पहचान बनेगी।
पंचायत प्रतिनिधियों को मिले प्रशासनिक अधिकार
रविवार को सीएम योगी ने प्रदेश के ग्राम प्रधानों से वर्चुअल संवाद में ग्राम पंचायतों को देश-प्रदेश के समृद्धि की धुरी बताते हुए हुए पंचायतों को और अधिकार सम्पन्न करने की आवश्यकता जताई। उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने ग्राम पंचायतों को न केवल वित्तीय रूप से सशक्त बनाया बल्कि गांवों में अवस्थापना विकास और पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशासनिक अधिकार देकर मजबूत भी बनाया। गांव की जरूरत और पंचायत प्रतिनिधियों की भावनाओं के अनुरूप विधानसभा चुनाव के बाद भी पंचायतों के सशक्तिकरण का यह काम जारी रहेगा।
कंप्यूटर-इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा
साथ ही सीएम योगी ने गांव मे भी बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता जताते हुए कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में निगरानी समिति के मुखिया के रूप में प्रधानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होने कहा कि स्वावलंबी ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के सपने का आधार हैं। यही कारण है कि प्रदेश के सभी 58,189 ग्राम पंचायतों में सचिवालय बन रहे हैं। वहां कंप्यूटर-इंटरनेट की कनेक्टिविटी मिल रही है और ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक तैनात हो रहे हैं।
‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’: सीएम योगी
इसके साथ ही ग्राम प्रधानों ने भी ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की। हाथरस से प्रधान प्रियंका तिवारी ने कहा कि 15 दिसंबर 2021 को सीएम ने जो किया वह अभूतपूर्व था। आपने हमें मजबूत किया। हमारी ताकत बढ़ी अब 10 मार्च के बाद फिर से साथ काम करेंगे। बिजनौर से प्रधान राहुल, लखनऊ से वीरेंद्र शुक्ला, चन्दौली से नीलम ओहारी और मेरठ से ग्राम प्रधान परमेंदर ने भी विचार रखे।
मुख्यमंत्री योगी ने ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए ग्राम प्रधानों से सहयोग भी मांगा। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियां घर घर दस्तक देकर लोगों की स्क्रनिंग कराएं।