आगामी चुनाव के चलते वैसे तो हर पार्टी एक दूसरे पर हमलावर रहती है पर इस बार के चुनाव मे सपा को घेरने के लिए भाजपा के हाथ एक त्रुप का इक्का लगा है जिसे वो अब बड़े जोरदार तरिके से इस्तेमाल कर रही है
जी हां मै बात कर रही हूं कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन की जिसके घर छापे के बाद आईटी को भारी कैश बरामद हुआ जिसको लेकर भाजपा समाजवादी पार्टी को घेर रही है जिसपर उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन और पीयूष जैन के करीबी है। जिसके बाद दोनो पार्टियों के बीच सियासत गरमा गई है।
इसके साथ ही अब कानपुर के इत्र कारोबारी के बाद कन्नौज शहर के इत्र कारोबारियों की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है । इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां मिले भारी कैश के बाद अब सपा एमएलसी इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन निवासी चिपट्टी और अयूब मियां के आवास और कारखानों में भी आईटी की टीमों ने छापा मारा है। जिसको लेकर आज अखिलेश यादव कन्नौज में प्रेसवार्ता करने आ रहे थे उनके आने से पहले शुरू हुई कारवाई को लेकर हलचल बढ़ गई।
एमएलसी इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी के खिलाफ हुई कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी ने हमला बोला है। ट्वीट करते हुए लिखा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कन्नौज में प्रेसवार्ता की घोषणा करते ही भाजपा सरकार ने सपा एमएलसी पम्पी जैन के यहां छापामार कार्रवाई करनी शुरू कर दी। भाजपा का डर और बौखलाहट साफ है, जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार है।
सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग की टीम सुबह 7 बजे पुष्पराज जैन के घर पहुंची। जहां आयकर विभाग की टीम पुष्पराज जैन के घर, ऑफिस समेत 50 ठीकानों पर तलाशी कर रही है। आयकर विभाग की टीमों ने उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी छापा मारा है। शुरुआती जानकारी में टैक्स चोरी के आरोप में ये छापेमारी करने की बात कही जा रही है।
आपको बता दे कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित आवासों से मिली 197 करोड़ रुपये की नकदी को सीज कर डीजीजीआई ने शिखर पान मसाला के मालिक प्रदीप अग्रवाल, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन से उसके कारोबारी रिश्तों की जांच शुरू कर दी है। साथ ही बीते वर्षों के दौरान इनके बीच हुए कारोबार की जानकारी भी जुटाई जा रही है। जांच एजेंसी यह पता कर रही है कि इनके बीच कितने साल से कारोबार चल रहा है, ट्रांसपोर्टर की इसमें क्या भूमिका है, कितने ट्रकों से कर चोरी या कैश इधर-उधर किया जा रहा था?
महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई), अहमदाबाद की टीम ने 22 दिसंबर को तीनों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। जिसके बाद इस मामले में भी बड़े पैमाने पर कर चोरी पकड़ी गई है। पीयूष जैन के शहर स्थित आवास से 177.45 करोड़ और कन्नौज स्थित आवास से 19 करोड़ रुपये मिले हैं। कोर्ट में पेश दस्तावेजों में पीयूष के बयानों के आधार पर डीजीजीआई ने इस धनराशि को टर्नओवर माना है। और जीएसटी अधिनियम के तहत इत्र कारोबारी को गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। नकदी भी एसबीआई में जमा कर दी गई है। नियमानुसार इसकी एफडीआर बनवा दी गई। अब पान मसाला कारोबारी और ट्रांसपोर्टर की जांच तेज कर दी गई है।
आपको बता दे कि ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन जीएसटी में कई बार ब्लैकलिस्ट हो चुका है। उस पर कर चोरी, ट्रक को पास कराने संबंधी तमाम आरोप लग चुके हैं। अब विभागीय अफसर उसके खिलाफ की गई कार्रवाई से जुड़ी जानकारी जुटा रहे हैं, ताकि कर चोरी के पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके।