प्रदेश के हर नगरीय निकाय में माफिया से मुक्त कराई जमीन पर बनेगें गरीबों के महल

उत्तर प्रदेश राज्य
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[ KABEER NEWS DESK ]

प्रदेशभर मे विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही विकास की आंधी दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है जिसको लेकर राज्य सरकार अमीर, गरीब हर किसी को हर प्रकार की सुविधा प्रदान करना चाहती है और उपल्बध भी करा रही है ताकि समाज मे हर किसी को हर प्रकार की सुविधा प्राप्त हो जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एलान किया है कि अब प्रदेश के हर नगरीय निकाय में माफिया से मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों के महल बनाए जाएंगे। जिसके लिए प्रदेश में एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स सक्रिय है। हर नगरीय निकाय में माफिया के अवैध कब्जे वाली जमीन चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।

अपराध और अपराधी के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस के प्रति लिया गया अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि प्रयागराज में जिस तरह माफिया से मुक्त कराई जमीन पर गरीबों के लिए आवास तैयार हो रहे हैं वह एक मिसाल है। सरकार ऐसा ही काम हर नगरीय निकाय में करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद सरकारें तो बहुत सी आईं लेकिन किसी ने समग्रता से प्रदेश के विकास की दिशा में नहीं सोचा। 2017 के बाद से प्रदेश में लोगों को रहने के लिए आवास नहीं, पीने के लिए शुद्ध पानी, घर में शौचालय और बिजली मिले से आज प्रदेश बदल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में 14 नगर निगम थे, आज 17 नगर निगम हैं। 84 नई नगर पंचायतों के साथ आज 200 नगर पालिका परिषद, 517 नगर पंचायतें हैं।

उन्होंने कहा कि बीते पांच साल में केंद्र व राज्य सरकार के साझा प्रयास से गरीबों के 43 लाख आवास बनाए है। 60 शहरों में शुद्ध पेयजल के लिए अमृत योजना लागू की है।  उन्होंने कहा कि यूपी के शहर स्मार्ट हो रहे हैं। यहां ट्रैफिक हो या यातायात के साधन या फिर पार्किंग, सब स्मार्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्मार्ट शहर नए भारत के नए उत्तरप्रदेश की पहचान हैं।

साथ ही मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर भी प्रशासन को सचेत किया औऱ उन्हे निर्देश देते हुए कहा कि महापौर, चेयरमैन और पार्षद  कोरोना की तीसरी लहर में भी प्रशासन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की राय में ओमिक्रोन वैरिएंट वाली यह तीसरी लहर पहले की तुलना में खतरनाक नहीं है लेकिन बीमारी तो बीमारी है, इसके नियंत्रण में लापरवाही ठीक नहीं।

उन्होंने कहा कि शहरी वार्डों में स्थानीय पार्षद अथवा किसी वरिष्ठ नागरिक की अध्यक्षता में निगरानी समिति को सक्रिय करें। एक-एक घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कराएं और जरुरमंद लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं।  पार्षद, महापौर और अध्यक्ष लोगों के टेस्ट कराएं,  उनका हाल चाल पूछें। महापौर, चेयरमैन और पार्षद यह सुनिश्चित कराएं कि एक भी पात्र व्यक्ति राशन से वंचित न रहे। जनप्रतिनिधियों से रैन बसेरों में आवास और भोजन की अच्छी व्यवस्था करो के निर्देश दिए।

 

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