[ KABEER NEWS DESK ]
उत्तरप्रदेश के इस बार के चुनाव मे काशी, अयोध्या और मथुरा इन तीनो धार्मिक स्थानो को सरकार ट्रंप कार्ड की तरह इस्तेमाल कर रही है और चुनाव के चलते लोगो की आस्था को जागृत करने का भरपूर प्रयत्न कर रही है फिर चाहे वो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की स्थापना हो या फिर अयोध्या मे चल रहा राम मंदिर निर्माण। अब इसी काशी से एक और धार्मिक विवाद सामने आया है जिसके तहत उत्तरप्रदेश के काशी में हिंदू संगठनों द्वारा घाटो पर पोस्टर लगाकर गैर हिंदुओं का इन घाटो पर आना वर्जित बताया है जिसको लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है।
आपको बता दे कि ये पोस्टर्स हिंदू संगठनो विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के नाम से वाराणसी के मशहूर गंगा घाटों पंचगंगा, रामघाट, मणिकर्णिका घाट और दशाश्वमेध से लेकर अस्सी घाट तक विहिप और बजरंग दल के नेताओं द्वारा चिपकाए गए है। और इनमें साफ तौर पर लिखा गया है कि काशी के गंगा घाट पर गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। इन पोस्टरों के माध्यम से गैर हिन्दुओं को गंगा घाटों पर न आने की हिदायत दी गई है। उनका प्रवेश प्रतिबंधित करने की चेतावनी दी गई है।
पोस्टर पर बड़े अक्षरों में प्रवेश प्रतिबंधित गैर हिन्दू लिखा है। उसके नीचे लिखा है कि मां गंगा काशी के घाट व मंदिर सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति श्रद्धा व आस्था के प्रतीक हैं। जिनकी आस्था सनातन धर्म में हो उनका स्वागत है। अन्यथा यह क्षेत्र पिकनिक स्पॉट नहीं है। अंत में बड़े अक्षरों में यह भी लिखा है कि यह निवेदन नहीं चेतावनी है। और अब हिंदू समाज द्वारा काशी में लगाए गए इन पोस्टरस को लेकर विवाद बढ़ता दिख रहा है।
पोस्टरों को लेकर विहिप नेताओं का कहना है कि हिंदुओं को धर्म और समाज की रक्षा के लिए स्वयं आगे आना होगा। सब कुछ सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। जिस भी मंदिर या गंगा घाट पर कोई विधर्मी घुसता नजर आएगा, उसे मौके से ही पकड़ कर पुलिस के हवाले किया जाएगा। मंदिर और गंगा घाट सनातन धर्म के लोगों की आस्था और श्रद्धा के स्थान हैं। यहां अन्य धर्मों के लोगों का क्या काम है? कहा कि यह सब धर्म की रक्षा के लिए किया जा रहा है। और बजरंग दल ने साफ तौर पर कहा है कि जिन लोगों की आस्था न हो वे घाटों पर ना आएं। काशी के घाट पिकनिक स्पॉट नहीं हैं।
अब इस बढ़ते विवाद के चलते बीजेपी पर हमला बोलते हुए समाजवादी पार्टी ने इसे चुनाव से पहले माहौल को खराब करने की करतूत बताया है। सपा के प्रवेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि घाट की संपत्ति सार्वजनिक और सबके लिए है। इस तरह का कृत्य जान बूझकर माहौल खराब करने के लिए भाजपा के अनुसांगिक संगठन के लोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाराणसी में लोगों के आय का मुख्य साधन पर्यटन हैं। यहां के घाटों पर देश-विदेश से हर जाति धर्म के लोग आते हैं। अगर इस तरह के कृत्य पर प्रशासन ने कड़ी कारवाई नहीं की तो पर्यटको का आना प्रभावित होगा और बनारस का व्यापार चौपट हो जाएगा। पर सूचना मिलते ही और विवाद को बढ़ता देख पुलिस ने पोस्टरों को उखाड़ना भी शुरू कर दिया है।
हालांकि, हिंदू संगठनों द्वारा इस तरह के पोस्टर लगाना आम बात नहीं है। ऐसे संगठनों के द्वारा आए दिन इस तरह के पोस्टर या बयान देखने-सुनने को मिलते रहे हैं। मगर यह माना जा रहा है कि इस तरह के पोस्टर के कारण पर्यटकों के मन में डर बैठ सकता है।
अब देखना ये होगा कि इसको लेकर प्रशासन क्या कार्रवाई करती है?