देश का कानून ही देश का संविधान कहलाता है। इसे धर्म-शास्त्र, विधि-शास्त्र आदि नामों से भी जाना जाता है। इसे बनने में दो वर्ष 11 माह और 18 दिन लगे थे, लेकिन कोई भी नेता सिर्फ चंद मिनटों के भाषण में देश के संविधान में खोंट निकाल देता है। सम्विधान पर फिर से एक विधायक महोदय ने ऊँगली उठाई है। हम बात कर रहे हैं केरल के विधायक और सीपीएम नेता साजी चेरियन की।
देश का संविधान लूटने के लिए बना है
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक हाल ही में पथानामथिट्टा के मल्लापल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चेरियन ने कहा, मानव जाति का शोषण शुरुआत से ही हो रहा है। लेकिन चर्चा अमीरों की होती है। फिर हम सब कहेंगे कि हमारे पास एक सुंदर लिखित संविधान है। लेकिन मैं कहूंगा कि देश का संविधान इस तरह से लिखा गया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को लूटा जा सके।
मंत्री ने कहा,
अंग्रेजों ने जिसे तैयार किया, वही संविधान भारतीयों ने लिख दिया है। पिछले 75 वर्षों से यह लागू है। मेरा कहना है कि यह देश की जनता को लूटने के लिए एक सुंदर संविधान है। हालांकि संविधान में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जैसी कुछ अच्छी चीजों के निशान हैं, लेकिन इसका उद्देश्य आम आदमी का शोषण करना है।
उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां श्रमिकों के आंदोलन को मान्यता नहीं दी जाती है। इसका कारण संविधान है, जो श्रमिकों के शोषण को स्वीकार करता है, उन्होंने देश में अडानी और अंबानी के विकास की ओर इशारा करते हुए कहा-
“अडानी, अंबानी संविधान द्वारा “संरक्षित” हैं। हम में से कितने लोग उनके खिलाफ आंदोलन कर सकते हैं।
इस बात पर जोर देते हुए कि भारत में श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा नहीं की जाती है, चेरियन ने कहा,
जब केरल में पहली (कम्युनिस्ट) सरकार 1957 में सत्ता में आई, तो उसका पहला निर्णय श्रम कानूनों को लागू करना था। उसने किया। दूसरी तरफ संविधान ने शोषण की निंदा की है। लेकिन कम वेतन वाले श्रमिकों की कीमत पर देश में करोड़पति शक्तिशाली बनकर उभरे हैं। श्रमिकों को मजदूरी से वंचित किया जाता है और उनका शोषण किया जाता है। लाभ श्रमिकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। मजदूरों को आठ घंटे की ड्यूटी के बजाय 18 से 20 घंटे तक मेहनत करनी पड़ती है। क्या संविधान उन्हें किसी सुरक्षा की गारंटी देता है?
आप को बता दें अलाप्पुझा जिले के चेंगन्नूर विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक चेरियन केरल सरकार में संस्कृति एवं मछली पालन विभाग के मंत्री हैं। उनके बयान का वीडियो मंगलवार को सामने आया और उसी के बाद से विवाद तूल पकड़ रहा है।
विपक्ष ने की बर्खास्तगी की मांग –
केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन सहित कई लोगों ने चेरियन के इस बयान की आलोचना की है। सतीशन ने कहा कि
अगर सीएम विजयन चेरियन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो हम कानून का सहारा लेंगे।
टाइम्स नाउ के मुताबिक, बीजेपी के केजे अल्फोंस ने चेरियन के ‘असंवैधानिक’ बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि
केरल के कैबिनेट मंत्री ने एक जनप्रतिनिधि होने के नाते संविधान की रक्षा की शपथ ली थी, उसके बावजूद वह संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं,यह ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को उन्हें तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए या फिर राज्यपाल को सीएम की सिफारिश करनी चाहिए कि वह अपने मंत्री को बर्खास्त करें।