10 हजार लोगों की गिरफ्तारी देंगे ….ये कोई और नहीं बल्कि बीजेपी नेता राकेश तिवारी है. जो सत्ता के नशे में इतना मदहोश है कि उन्हें कुछ पता नहीं है कि वो गलत कर रहे हैं या सही. रसूख के दम पर इनकी वाणी के साथ-साथ प्रशासन पर जो दबाव बना रहे हैं वो आपके सामने हैं. वजह ये है कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के बेहद करीबी माने जाते हैं. इनका कहना है कि कानपुर के अमोल मामले में आरोपी को प्रताड़ित किया जा रहा है. अब देखा जाए तो ये मामला सीधा-सीधा अब भाजपा बनाम सिख हो चला है ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. क्योंकि जिस तरह से सिख समुदाय आक्रोश में है तो उधर वहीं भाजपा वाले आरोपियों को बचाने की जद में लग गए है. ऐसा नहीं की एक ही नेता राकेश तिवारी अंकित शुक्ला और पार्षद सौम्या शुक्ला को बचा रहे हैं.
राकेश के अलावा भी कई ऐसे कानपुर के जाने माने नेता है जो इस काम में पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे हैं. सतीश महाना के खासमखास एक सिख नेता भी अब कुछ बोलने से कतरा रहे हैं. हालांकि सिख समुदाय ने सरकार को सीधा अल्टीमेटम दे दिया है. और ये बता दिया है अगर कार्रवाई नहीं हुई तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन होगा, ये मामला क्या है और क्या कुछ अबतक हुआ है सब बताते हैं लेकिन उससे पहले आपको बता दे सोशल मीडिया पर पार्ष्द पति अंकित शुक्ला को बचाने के लिए लोग लगातार फेसबुक पर कई तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं और ब्राह्मण समाज को एकजुट करने का आह्वान कर रहे हैं. वहीं सिख समाज जमीन पर उतरकर लड़ाई लड़ने की बात कर रहा हैं. आप खुद सोचिए आखिर गलती किसकी है.

हालांकि मामला मीडिया में आने के बाद और शहर के व्यापारी और सिख समुदाय के लोगों के एकजुट होने के बाद अब पुलिस ने भी मामले में तेजी शुरू कर दी है. पुलिस ने जहां गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें लगा दी हैं. वहीं पुलिस ने मुख्य आरोपी बीजेपी पार्षद के पति अंकित शुक्ला सहित अन्य आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया है.
जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने भी इस मामले में बताया है कि
मामले में लगातार कानपुर पुलिस विवेचना करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पूरा प्रयास कर रही है.
वहीं डीसीपी का कहना है कि
मामले में विवेचना करते हुए 326,148,149 धाराएं बढ़ाई गई है. साथ ही हॉस्पिटल से रिपोर्ट संग्रहित करने के बाद ये धाराएं बढ़ाई गई हैं. एक टीम दिल्ली गई थी, जिसके बाद ये धाराएं बढ़ाई गई हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.
दूसरी तरफ आरोपी बीजेपी नेता अंकित शुक्ला की पार्षद पत्नी सौम्या शुक्ला ने मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है, जिसमें पार्षद ने सभी आरोपों को झूठा बताया है. साथ ही कहा कि पूरी घटना को धार्मिक रूप देकर गलत तरह से प्रसारित किया जा रहा है. साथ ही उनके साथ हुई बदनीयती और बदसलूकी की गई और पीड़ित अमोल दीप को घटना के समय शराब के नशे में बताया है.
बता दें कि बीते शनिवार की रात रायपुरवा इलाके में कार ओवरटेक करने के चलते हुए विवाद के बाद दवा व्यापारी अमोल दीप सिंह को बीजेपी पार्षद पति अंकित शुक्ला ने अपने साथियों के साथ इतना पीटा था कि अमोल बेदम हो गए थे और कानपुर में इलाज के बाद जब उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ था तो उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में एडमिट करने के लिए परिवार वाले आनन फानन में ले गए थे, अमोल दीप का दिल्ली में अभी भी इलाज चल रहा है.

इस बीच 23 सितंबर को दवा व्यापारी अमोलदीप सिंह के साथ पार्षद पति अंकित शुक्ला और उनके साथियों की ओर से किए गए जानलेवा हमले को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन और आरोपियों को गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई है. बुधवार को इसी कड़ी में न्याय संघर्ष समिति की ओर से 14 सदस्य टीम ने गुमटी गुरुद्वारे में प्रेस वार्ता का आयोजन किया. न्याय संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि अगर आज से 2 दिन के अंदर पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं करती तो 29 सितंबर को सुबह से गुमटी गुरुद्वारा पर बड़े धरने का कार्यक्रम किया जाएगा.
