बाबा के त्रिशूल और डमरू के साथ अखिलेश ने बढ़ाया जनता का उत्साह

उत्तर प्रदेश राज्य
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[ KABEER NEWS DESK ]

शुक्रवार को भाजपा और कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी वाराणसी की जमीन पर उतरे जहां पहुंचकर वे भी बाकियों की तरह भक्तिरस में डूबे नज़र आए जिसके चलते मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप झेल रहे सपा के मुखिया अखिलेश यादव का काशी की धरा पर अलग ही रूप देखने को मिला। धर्मनगरी में रोड शो करने के दौरान अखिलेश बाबा विश्वनाथ के प्रतीक चिन्ह त्रिशूल और डमरू के साथ लोगों से रूबरू हुए।

अब वैसे तो यूपी में सातवें चरण के मतदान से पहले हर पार्टी ही भक्तिरस में डूबी है पर वहीं समाजवादी पार्टी भी हर हाल में हिंदू मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने का प्रयास कर रही है जिसके लिए अखिलेश यादव हिंदूवादी छवि का सहारा ले रहे है। और समाजवादी विजय यात्रा के दौरान हाथ में त्रिशूल और डमरू लेकर मतदाताओं को अलग संदेश देते नज़र आए।

जहां एक तरफ भाजपा हिंदुत्व को मुख्य मुद्दा बनाकर वोट सहेजने में लगी है तो अब अखिलेश भी इसमें पीछे नहीं हैं। शुक्रवार को जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रोड शो के दौरान काशी विश्वनाथ धाम में डमरू बजाया तो वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इसके जवाब में हाथ में बाबा का त्रिशूल और डमरू लेकर काशी की जनता का दिल जीत लिया।

सपा समर्थक भी अखिलेश के इस नए अंदाज को देख खुश नजर आए। उत्साह से लबरेज समर्थकों ने अखिलेश के हाथ में त्रिशुल-डमरू देख हर हर महादेव का जयघोष किया। समाजवादी रथ के शीशे से बाहर अखिलेश यादव ने त्रिशूल पर डमरू बांधकर जैसे ही बाहर हाथ निकाला तो वहां लोगों ने हर हर महादेव का जयघोष किया। रथयात्रा चौराहे से लेकर निकलकर गिरजाघर तक जाने के दौरान अखिलेश यादव ने बीच-बीच में त्रिशूल और डमरू कई बार बाहर निकाला।

पर अब ये बाबा की भक्ति किस पार्टी पर असर दिखाएगी ये तो स्वयं बाबा ही जानते हैं, पर यूपी वाले नहीं, काशी वाले।

 

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