कानपुर के मनीष गुप्ता हत्याकांड मे कारोबारी मनीष गुप्ता को पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटकर मार डालने को लेकर कार्रवाई अभी भी जारी है। मनीष गुप्ता की हत्या को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने लखनऊ की सीबीआई अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। और इस मामले मे दोषी पाए गए 6 इंस्पेक्टर के खिलाफ चार्टशीट भी दाखिल कर ली गई है।
आपको बता दे कि 27 सितंबर 2021 की रात में रामगढ़ताल पुलिस होटल कृष्णा पैलेस में हुई मनीष गुप्ता की निर्मम हत्या को लेकर हत्या के आरोपी रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जयनारायण सिंह व चौकी प्रभारी दरोगा अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिसकर्मियों पर सीबीआई ने हत्या, गंभीर उत्तेजना के साथ आपराधिक बल का प्रयोग करना, एक समान इरादे से सभी के द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य समेत अन्य गंभीर मामलों में आरोपी बनाया है। इसकी जानकारी गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट को भी दी गई है। हालांकि, चार्जशीट की कोई भी प्रति सीजेएम कोर्ट में दाखिल नहीं की गई है।
आपको बता दे कि सीबीआई पिछले 3 महीने से इस मामले की जांच में जुटी थी। जिसके बाद 90 दिन पूरा होने के एक दिन पहले ही सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी। सीबीआई ने मामले में 21 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं। जांच में जेएन सिंह एंड कंपनी को सुनियोजित तरीके से घटना वाले दिन होटल में जाने के साक्ष्य मिले हैं। इसी आधार पर जांच टीम ने आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। टीम ने पाया कि जेएन सिंह के अलावा अन्य लोग भी इस घटना में बराबर से सहयोगी हैं। इसी आधार पर सभी आरोपियों को हत्या व अन्य गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया गया है।
इस मामले की कार्रवाई को लेकर कानपुर पुलिस-प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगने पर, राज्य सरकार ने मामले की जांच कानपुर पुलिस से कराई थी। कानपुर की पुलिस ने एसआईटी गठित कर जांच शुरू की थी। बाद में पीड़ित पक्ष की मांग पर सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की मांग की थी।
मनीष हत्याकांड की जांच, पहले गोरखपुर पुलिस, फिर कानपुर की एसआईटी ने डेढ़ माह की। जिसके चलते एसआईटी ने गोरखपुर में 21 गवाह तैयार किए थे। इसमें निजी अस्पताल के चिकित्सक, बीएमएस चिकित्सक, मेडिकल कॉलेज की टीम, थाने पर तैनात तत्कालीन पुलिसकर्मी, रात्रि प्रभारी थाना इंचार्ज, होटल कर्मी, होटल मालिक, मनीष के दोस्त समेत अन्य लोग थे। एसआइटी ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में जेएन सिंह एंड कंपनी को आरोपी बताया था।
अब सीबीआई ने दाखिल चार्जशीट में सिर्फ पुलिसकर्मियों को ही आरोपी बनाया है। मामले में होटलकर्मियों या प्रबंधन की कोई गलती नहीं मिली है। हालांकि, घटना के बाद से ही होटल मालिक सुभाष शुक्ला भी मामले में खुलकर बोलते नज़र आ रहे हैं। उन्होंने बताया था कि थाने की तरफ से वसूली के लिए अलग-अलग तरीके से जेएन सिंह एंड कंपनी दबाव बनाती थी। साथ ही सीबीआई को भी अपनी जांच में तत्कालीन रामगढ़ताल थाने की पुलिस दिवारा होटल प्रबंधन पर गलत दबाव बनाने की जानकारी मिली थी। घटना के वक्त कमरे में पुलिस वालों के साथ गए, होटलकर्मी आदर्श को सीबीआई ने गवाह बनाया है।
मनीष हत्याकांड में रामगढ़ताल थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह (जेएन सिंह), चौकी प्रभारी दरोगा अक्षय मिश्रा, दरोगा विजय यादव, दरोगा राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश सिंह यादव व कांस्टेबल प्रशांत कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। और अब इन सब पर धाराओं 302 हत्या, 325 स्वेच्छापूर्वक किसी को गंभीर चोट पहुंचाना, 323 जानबूझ कर किसी को चोट पहुंचाना, 506 धमकी देना, समेत और भी कई धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।