टीका लगवाने के आठ माह बाद 84 फीसदी तक गिर रहा एंटीबॉडी का स्तर

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[ KABEER NEWS DESK ]

देशभर मे तेजी से बढ़ रहे कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान को लेकर खौफ का माहौल है जिसको लेकर सजगता बरतते हुए केंद्र सरकार जल्द से जल्द सभी को कोरोना वैक्सीन उपल्बध करा देना चाहती है जिसको लेकर कोरोना टीकाकरण ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है और अब देश की आधे से ज्यादा जनता को टीकाकरण की दोनो डोज लग चुकी है पर टीकाकरण के बाद लोगों में कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी तो बनी पर समय बीतने के साथ ही इन एंटीबॉडी का असर कम होता जा रहा है। जिसके चलते लोगों में टीका लगवाने के आठ माह बाद एंटीबॉडी का स्तर 84 फीसदी तक कम हुआ है।

कोरोना टीकाकरण के आठ महीने बाद एंटीबॉडी के स्तर मे गिरावट की पुष्टि केजीएमयू के ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के सर्वे में की गई है। जिसके चलते ही सभी विशेषज्ञों ने जनता को टीके की बूस्टर डोज देने की सिफारिश की है जिसकी शुरुआत कुछ राज्यो मे हो भी चुकी है। साथ ही केजीएमयू में टीके का प्रभाव जांचने के लिए भी लगातार परीक्षण चल रहा है।

12.5 फीसदी लोगों में शून्य के स्तर पर पहुंचा एंटीबॉडी का स्तर

आपको बता दे कि टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी का स्तर मापने के लिए पिछले आठ महीने से सैंपल लिए जा रहे हैं। इस सर्वे में पांच सौ लोगों को शामिल किया गया था। जिसके बाद इनको तीन समूहों में बांटा गया था। पहले समूह में पांच महीने पहले टीके की दोनों खुराक ले चुके दो सौ लोगों को शामिल किया गया। इसमें देखा गया कि सभी में एंटीबॉडी तो है, लेकिन उसका स्तर 42 फीसदी तक कम हो चुका है। दूसरे समूह में शामिल उन दो सौ लोगों को रखा गया जिन्होंने दोनों डोज सात महीने पहली ली थी। इसमें पता चला कि 12.5 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी का स्तर शून्य के स्तर पर पहुंच चुका था।

साथ ही बचे एक सौ लोगों के समूह में आठ माह पहले टीकाकरण पूरा कर चुके लोगों को शामिल किया गया था। इनकी जांच में पाया गया कि 25 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी का स्तर निगेटिव या फिर शून्य तक पहुंच चुका था। बड़ी बात यह थी कि एंटीबॉडी के कुल स्तर में करीब 84 फीसदी तक की कमी पाई गई।

8 महीने मे 84 फीसदी गिर रहा एंटीबॉडी का स्तर

कोरोना टीकाकरण को लेकर किए गए इस सर्वे में पता चला कि टीकाकरण के बाद व्यक्ति में 40 हजार तक एंटीबॉडी बनी थी। समय के साथ इनमें गिरावट आने लगी। 50 या इससे कम स्तर होने पर उसे निगेटिव माना जाता है। काफी मामलों में देखा गया कि एंटीबॉडी का स्तर 50 भी नहीं पहुंच रहा है। अगर सामान्य रूप से कुल गिरावट की बात करें तो पांच महीने के अंतराल के बाद एंटीबॉडी में 42 फीसदी, सात महीने के अंतराल पर 68 फीसदी और आठ महीने के अंतराल पर करीब 84 फीसदी की कमी आ गई।

इस सर्वे में कोवीशील्ड टीका लगाने वालों को ही शामिल किया गया था। इसमें ज्यादातर केजीएमयू के स्वास्थ्यकर्मी थे। साथ ही कोरोना के बढ़ते स्तर को देखते हुए आगे भी यह सर्वे जारी रहेगा। इसमें बूस्टर डोज लगने के बाद भी एंटीबॉडी का स्तर जांचा जाएगा।

बूस्टर डोज से  बढ़ सकती है घटी हुई एंटीबॉडी

इस कोरोना टीकाकरण के बाद भी एंटीबॉडी के स्तर मे कमी जनता के लिए बहुत ज्यादा डराने वाली बात है जिसपर ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग केजीएमयू के विभागाध्यक्ष,  प्रो. तूलिका चंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि एंटीबॉडी का स्तर कम होना बताता है कि समय बीतने के साथ टीके का असर कम हो रहा है। इसलिए बूस्टर डोज की जरूरत है। बूस्टर डोज लेकर घटी हुई एंटीबॉडी को फिर से बढ़ाया जा सकता है।

साथ ही आपको बता दे कि अब देश मे 1 जनवरी से शुरु हो रहे बच्चो के टीकाकरण का रजिस्ट्रेशन के बाद 3 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत हो जाएगी जिससे बच्चो को कोरोना के इस खतरे से बचाया जा सकेगा।

 

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