[ KABEER NEWS DESK ]
इतने लंबे समय से देशभर में छाए कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए फैलने से रोकने के लिए सरकार लगातार कोरोना वैक्सीनेशन में तेजी बरत रहा है जिसके चलते अभी आधे से ज्यादा जनता को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है और अब इसके साथ ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक कदम और बढ़ाते हुए भारत ने भी 1 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है।
इसके लिए बच्चों का रजिस्ट्रेशन भी कोविन प्लेटफॉर्म पर होगा। जिसके बारे में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि 1 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चे वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
डॉ. आरएस शर्मा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रेशन 1 जनवरी से कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए 10वीं की मार्कशीट भी लगाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि क्योंकि कई बच्चों के पास आधार या दूसरा आईडी कार्ड नहीं होता है, इसलिए 10वीं की मार्कशीट का ऑप्शन भी जोड़ा गया है।
साथ ही उन्होंने बताया कि 1 जनवरी से बच्चे पहली डोज के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अभी बच्चों को वहां कोवैक्सीन का ही ऑप्शन दिखेगा। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट आईडी कार्ड से भी रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। इसके अलावा माता-पिता के फोन नंबर से रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। एक नंबर पर एक ही परिवार के 4 लोगों का रजिस्ट्रेशन हो सकता है। उन्होंने बताया कि बच्चे अपने नजदीकी केंद्र में जाकर ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं।
आपको बता दें कि 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने का ऐलान किया था। 15 से 18 साल के बच्चों की संख्या 7 से 8 करोड़ के बीच है। इन्हें अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) की डोज दी जाएगी। कोवैक्सीन को सरकार ने 12 से 18 साल के बच्चों पर इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
इससे पहले भारत बायोटेक ने भी इसी साल जून-जुलाई में 2 से 18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल किया था। ट्रायल में वैक्सीन असरदार साबित हुई थी। वैक्सीन लगने के बाद बुखार, बदन दर्द, इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन जैसे सामान्य साइड इफेक्ट्स दिख सकते हैं। कोवैक्सीन के अलावा सरकार ने जायडस कैडिला की जायकोव-डी को भी मंजूरी दे दी है। जायकोव-डी 12 साल से ऊपर के लोगों के लिए है। हालांकि, देश में अभी तक जायकोव-डी लगनी शुरू नहीं हुई है।