[ KABEER NEWS DESK ]
जल्द ही 2022 के चुनाव आने वाले है, जिसके चलते अगर किसी राज्य की सियासत सबसे ज्यादा गरमाई हुई है तो वो है योगी के यूपी की। क्योंकि इस समय हर पार्टी की नजर यूपी की सत्ता पर है, फिर चाहे वो अखिलेश हो या मायावती
अब इसी गरमाई सियासत के बीच कल योगी के यूपी मे ओवैसी की दस्तक हुई, जिसके बाद यूपी के कानपुर पहुंचकर ओवैसी ने एक सभा के दौरान वहां की जनता को संबोधित किया और अपने पक्ष मे लाने का प्रयास किया
12 दिसंबर को यूपी के कानपुर के चुन्नीगंज स्थित जीआईसी मैदान मे पहुंचकर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने आयोजित सभा को संबोधित करते हुए विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए कहा है कि दलाल किस्म के लोग अब मुस्लिम वोटों की सौदेबाजी नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने प्रदेश में 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने की भी घोषणा की। कहा कि क्षेत्रीय दलों से गठबंधन के रास्ते खुले हैं। छोटे सियासी दलों से भी बात की जाएगी। आगे यह वक्त बताएगा कि कितने दलों से गठबंधन हो पाता है। साथ ही ओवैसी ने विरोधी दलों को चेताते हुए कहा कि एआईएमआईएम ने 5 साल में प्रदेश में अपनी जमीन मजबूत कर ली है। किसी दल का नाम लिए बगैर बोले कि मुस्लिम वोटों को बेचने वाले दलाल अब सफल नहीं हो पाएंगे।
इसी के साथ यूपी के पूरे मुस्लिम समाज को सत्ता में हिस्सेदारी का लालच देकर, खुद यूपी की सत्ता तक का रास्ता बनाते ओवैसी ने उन्हे एकजुट होने को कहा
पूरे मुस्लिम समाज को एकजुट कर अपने पक्ष मे लाने का प्रयास करते हुए ओवैसी ने कहा कि जब 9 फीसदी यादव बिरादरी मुलायम सिंह यादव को मुख्यमंत्री बना सकती है तो 19 फीसदी मुसलमान अपने समाज के व्यक्ति को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बना सकते? बात हिस्सेदारी की है। मुस्लिमों को सत्ता में हिस्सेदारी चाहिए। कथित सेक्युलर दल भाजपा का डर दिखाकर मुसलमानों के वोट हथियाते रहे हैं।
अपने पूरे भाषण में मुस्लिम समाज में नेतृत्व विकास पर जोर देते हुए ओवैसी बोले कि मुस्लिमों के साथ नाइंसाफी हो रही है, अगर उनका कोई नेता होता तो यह जुल्म न हो पाता। यूपी की हर बिरादरी ने अपनी लीडरशिप विकसित कर ली है, सिवाय मुसलमानों के। भाजपा ने सिर्फ हिंदू-मुस्लिम कर नफरत फैलाई और कांग्रेस ने मुस्लिमों को भाजपा का डर दिखाया।
उन्होने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आजम खां जेल में हैं और अखिलेश बाहर हैं। आजम के खिलाफ सीबीआई जांच भी बैठा दी गई। क्या सीबीआई सिर्फ मुसलमानों को डराने के लिए है? अखिलेश को इतनी मोहलत भाजपा ने क्यों दी? मोदी जी बताएं कि अखिलेश से उनका रिश्ता क्या है? मुलायम मोदी को प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद देते हैं। अब बताएं कि भाजपा की बी टीम कौन है? कहा कि वह जेल में बंद अतीक अहमद से मिलना चाहते थे, लेकिन मिलने नहीं दिया गया।
अखिलेश का नाम लिए बगैर कहा कि मुसलमानों ने अपने वोटों से जिताया, लेकिन मुस्लिमों को हिस्सेदारी के बजाय खैरात मिली। जबकि, उपमुख्यमंत्री मुसलमान को बनना चाहिए था। इन बातों के जरिये उन्होंने सपा के वोट में सेंध लगाने की कोशिश की। साथ ही मुस्लिमों से बार-बार किसी को अपना अगुवा बनाने का आह्वान करते रहे।
अब यूपी के मुस्लिमो को केवल अपने पक्ष मे लाने का ओवैसी का ये प्रयास कितना सफल होगा ये तो यूपी के आगामी चुनाव के नतीजे ही तय करेगें, पर तब तक चलने देते हैं प्रयास