[ KABEER NEWS DESK ]
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं पर इसके साथ ही देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान के मामलों में भी लगातार तेजी दर्ज की जा रही हैं जिसके चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कल केंद्र सरकार को यूपी में चुनाव टालने का सुझाव दिया था। इस पर अब चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है।
स्थिति का जायजा लेने उत्तरप्रदेश जा रहे मुख्य चुनाव आयुक्त
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस सुझाव पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि वो अगले हफ्ते स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश जा रहे हैं, इसके बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोग कोरोना से निपटने के लिए तैयार हैं और सारी तैयारियां भी हो चुकी हैं।
दरअसल आने वाले चुनावों को रद्द करने का ये फैसला कोरोना के चलते देश के बिगड़ते हालातों को देखते हुए लिया जा रहा है क्योंकि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है जिस वजह से कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं।
कोर्ट ने मोदी सरकार को यूपी में चुनाव टालने का दिया सुझाव
आपको बता दें कि देश में अब तक ओमिक्रॉन के 350 से ज्यादा मामले सामने सामने आ चुके हैं। और कोरोना के इन बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोदी सरकार को यूपी में एक-दो महीने चुनाव टालने और राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाने का सुझाव दिया है।
25 दिसंबर से यूपी में लगेगा नाइट कर्फ्यू
वैसे ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी कई तरह की पाबंदियां लगा दी गईं हैं। जिनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 दिसंबर से नाइट कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है। ये कर्फ्यू रात के 11 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा। साथ ही शादी समारोहों में भी केवल 200 लोगों को आने की ही इजाजत होगी।
बीते 24 घंटे में कोरोना के 32 नए मामले आए सामने
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में ओमिक्रॉन के अब तक 2 केस सामने आ चुके हैं। पर राहत की बात ये है कि दोनों ही मैरिज ठीक भी हो चुके हैं। हालांकि चिंता की बात ये है कि प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। बीते 24 घंटे में ही यूपी में कोरोना के 32 नए मामले सामने आए। जिसके तहत एक्टिव मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। यूपी में अभी इलाज करा रहे कुल कोरोना मरीजों की संख्या 236 है।
चुनाव टलने पर यूपी में लग सकता है 6 महीने का राष्ट्रपति शासन
पर जैसा कि हम जानते हैं कि उत्तरप्रदेश में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। और मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 14 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है। ऐसे में उससे पहले चुनाव कराने जरूरी है। पर चुनाव आयोग के पास यह अधिकार है कि वो अगर चाहे तो ये चुनाव टाल सकता है। और अगर यूपी में चुनाव टलते हैं तो 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
साथ ही अगर चुनाव नहीं टाले जाते हैं तो हो सकता है कि हमें एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर जैसी स्थितियों का सामना करना पड़े, जो हमारे लिए बड़ा खतरा और सरकार के लिए बड़ी समस्या साबित हो सकती हैं।