भगवा रंग मे रंगे कांग्रेस मुख्यालय पर छिड़ा विवाद…………………………

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[ KABEER NEWS DESK ]

आने वाले चुनाव के चलते हर पार्टी अपनी पूरी जोर आजमाइश करने मे जुटी है जिसके चलते इस समय पूरी वाराणसी भी भगवा रंग मे रंगी है, जिसको लेकर विपक्ष थोड़ा नाराज नज़र आ रहा है,

और ये नाराजगी तब और भी बढ़ गई जब वाराणासी विकास प्राधिकरण के द्वारा कांग्रेस कार्यालय को गेरुआ रंग से पेंट कर दिया गया।

आपको बता दे कि ये कोई पहली बार नहीं है जब वाराणासी विकास प्राधिकरण द्वारा इस प्रकार की गलती हुई हो,

इससे पहले शहर के बुलानाला इलाके पर स्थित कर्णघंटा मस्जिद को लेकर भी ये विवाद उठ खड़ा हुआ था, जब वाराणासी विकास प्राधिकरण ने मस्जिद को भी भगवा रंग से रंग दिया था, जिसके बाद मुस्लिम समुदाय और मस्जिद  से जुड़े लोगों के विरोध के चलते प्राधिकरण ने मस्जिद को फिर से सफेद रंग से पेंट करा दिया गया था,

 और अब ये दोबारा उठा कांग्रेस कार्यालय का विवाद।

दरअसल 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर वाराणासी आ रहे हैं। उनके आगमन के चलते और विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पहले विश्वनाथ मंदिर जाने वाले सभी मार्गों को एकरूपता के संदेश के लिए भगवा रंग से पेंट किया जा रहा है । इसी के दौरान वाराणसी विकास प्राधिकरण ने बनारस के मैदागिन चौराहे पर स्थित कांग्रेस के महानगर कार्यालय को भी गेरुआ रंग से पेंट कर दिया। इसके बाद विवाद शुरू हो गया।

जिसके बाद नाराज कांग्रेस पदाधिकारियों ने बकायदा चिट्ठी लिखकर वाराणसी विकास प्राधिकरण को 36 घंटे मे पेंट हटाने का अल्टीमेटम दे दिया, नहीं तो फिर कड़े विरोध की चेतावनी भी दी है।

आपको बता दे कि 5 लाख 27 हजार 730 वर्ग फीट में बनकर तैयार हुए इस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण 13 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी अपने हाथों से करेगें। और अन्य कार्यक्रमों में भी शरीक होने के मकसद से वे दो दिवसीय दौरे पर 13 और 14 दिसंबर को वाराणसी आ रहे हैं। जिसको लेकर वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा जबरदस्त तैयारियां की जा रही है।

पिछले दिनों कांग्रेस ने इसी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर निशाना साधा था। जिस पर कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा था कि कॉरिडोर निर्माण के दौरान देवताओं के विग्रहों, वटवृक्ष को भी हटा दिया गया। इन चीजों को ध्वस्त करके आधुनिक तरह से मॉल बना रहे हैं।

साथ ही उन्होने कहा था कि  भाजपा को लगता है कि राजनैतिक मार्केटिंग करके पूरे वाराणसी की जनता को भ्रमित कर लेंगे, जबकि काशी की जनता कण-कण में शंकर को पूजती है, मॉल में पूजा करने के लिए मोदी जी को सांसद नहीं चुना था, अब काशीवासी बाबा के दर्शन करने के बजाए कह रहें हैं कि चलो मॉल चला जाए। ये सोच रहें हैं कि 2022 चुनाव में इसकी मार्केटिंग कर लेंगे, लेकिन काशी के लोग अंदर से काफी दुखी और आहत हैं।

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