[ KABEER NEWS DESK ]
पूरे देशभर मे जातिवाद के साथ साथ आरक्षण एक ऐसा गहन मुद्दा बन चुका है जिसके चलते हमेशा हमारे देश की सियासत गरमाई रहती है और वो भी खासकर उत्तरप्रदेश की। क्योंकि जितनी जातियां, उतने आरक्षण। अब इसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर एक बार फिर देशभर की सियासत गरमा गई है क्योंकि अन्य पिछड़ा वर्ग यानि की ओबीसी के पंचायत आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खत्म किए जाने का फैसला किया गया है जिसको लेकर अब पूर्व मुख्यमंत्री औऱ पूर्व केंद्रीय मंत्री वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती भी मैदान में उतर आई हैं।
उमा भारती ने कहा कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव 70 फीसदी आबादी के साथ अन्याय होगा। इस संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी फोन पर बात कर अपनी चिंता बताई।
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण समाप्त किए जाने के फैसले के बाद अब भाजपा नेता उमा भारती भी सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के विरोध मे उतर आई है। उन्होने सोमवार को ट्वीट कर इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने ओबीसी को 70 फीसदी आबादी बताते हुए कहा है कि इतनी आबादी के आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं होना चाहिए। इस वर्ग पर पंचायत चुनाव में मिल रहे आरक्षण पर न्यायिक रोक चिंता का विषय है। सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी उन्होंने फोन पर कहा है कि इस वर्ग की पंचायत चुनाव में आरक्षण के साथ भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
पंचायत चुनाव आरक्षण खत्म होने के मामले में मध्य प्रदेश के भाजपा व कांग्रेस नेता अभी भी आमने-सामने डटे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि पंचायत चुनाव में भाजपा न परिसीमन कर रही, न रोटेशन कर रही और अब न ओबीसी आरक्षण दे रही है। ओबीसी आरक्षण खत्म होने पर चुप्पी पार्टी की आत्मा की आवाज बताती है। वहीं, शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि कांग्रेस पांच बार हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट गई। अदालत में कोई तर्क नहीं दिया। इसलिए विधानसभा में उसे इस मुद्दे पर स्थगन लाने के बजाय माफी मांगना चाहिए।