आज मै स्वाती आप सबके लिए एक जुमला लाई हूं, और ये जुमला है “ डरिए मत, ये योगी की सरकार है, इसके शासन मे यूपी अपराधमुक्त होगी!”
अब आप सोच रहे होंगे की मै इसको जुमला क्यों बोल रही हूं, बल्कि ये तो योगी जी का वादा है, जिसे योगी जी ने यूपी की जनता से किया था। पर मेरी माने तो मुझे यूपी की जनता के बीच कहीं भी योगी जी का ये वादा पूरा नही होता नही दिख रहा, क्योंकि न ही यूपी मे अपराध खत्म हो रहे और न ही अपराधियों का खौफ।
हर दिन के अखबार मे अपराध का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है, पर अगर योगी जी की माने तो उनके शासन मे यूपी अपराधमुक्त हो गया है।
अब आज की ही बात कर लेते है जहां योगी के अपराधमुक्त यूपी से एक घटना सामने आ रही है जहां आगरा के रुनकता के गांव मांगरौल के गूजर निवासी कृष्ण मुरारी की आत्महत्या के मामले में आरोपी दरोगा सहित चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पिता देवेंद्र परमार दूसरे दिन भी भूख हड़ताल की। इस दौरान ग्रामीण भी उनके साथ धरने पर बैठे। अधिकारियों ने पिता की भूख हड़ताल तुड़वाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी तक ऐसा करने से मना कर दिया। जिसके चलते पुलिस ने बुधवार को आनन फानन में आरोपी चाचा लाखन को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
कृष्ण मुरारी की आत्महत्या के मामले में थाना सिकंदरा में उसके चाचा लाखन, चाची लज्जा, चचेरे भाई मोनू और तत्कालीन चौकी रुनकता के प्रभारी केशव शांडिल्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। साथा ही कृष्ण मुरारी का आत्महत्या से पहले का फेसबुक लाइव का वीडियो भी सामने आया था जिसपर कार्रवाई न होने के चलते मृतक के पिता देवेंद्र परमार मंगलवार से गांव में भूख हड़ताल पर बैठे है। जिसमे उनकी मांग है कि उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। 50 लाख रुपये मुआवजा मिले साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
बुधवार को भी सीओ हरीपर्वत एएसपी लखन कुमार, थाना प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार परिवार से मिलने पहुंचे। सीओ ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। जांच के लिए कुछ समय मांगा। यह भी बताया कि पुलिस ने आरोपी लाखन को गिरफ्तार करके जेल भेजा है। अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच की जा रही है। जिस पर पिता ने कहा कि दरोगा के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही है। अगर, वो सही जांच करते तो निर्दोष होने पर भी नहीं फंसाते। मुकदमे में चार्जशीट भी लगा दी। बेटे का वीडियो भी सामने आ चुका है। अब फिर कार्रवाई में क्यों देरी की जा रही है।
जिस पर थाना प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि मृतक के चाचा लाखन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी। दरोगा केशव शांडिल्य को भी बयान के लिए बुलाया जाएगा।
अब सोचिए कि अगर इस पूरे मामले पर नज़र डाली जाए तो ये हालात योगी के प्रशासन और योगी की पुलिस दोनो पर सवाल खडा करते है कि आखिर कहां है योगी का आपराधमुक्त यूपी ?