आजमगढ़ के शकील अहमद ने जनसहयोग से बनवाएं 6 पुल

उत्तर प्रदेश राज्य
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[ KABEER NEWS DESK ]

यूपी की जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराने में नाकाम योगी सरकार के कामों पर एक बार फिर सवाल उठने लगे है कि आखिर जनता को कौन सी सुविधाएं प्राप्त कराने का दम भरती है जब जनता को आने जाने के लिए एक ढ़ंग का रास्ता तक नसीब नहीं हो रहा है। लोगों की इसी समस्या का हल निकालने हेतु आजमगढ़ जिले के एक छोटे से गांव तोवा के निवासी शकील अहमद अपने आसपास के क्षेत्र में अब तक 6 पुल जनसहयोग से बनवा चुके हैं। जिसके बाद अब लोग उन्हें उनके नाम से नहीं, बल्कि पुल वाले के नाम से जानते हैं।

आपको बता दें कि अपनी अथक मेहनत और लोगों के सहयोग से शकील ने जो 6 पुल बनवाए हैं, उसमें से चार पुल चालू भी कर दिए गए हैं। इससे लगभग दो लाख से ज्यादा लोगों को सीधे फायदा हो रहा है। इसके बाद बाकी बचे दो पुल का निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है। कोरोना और बाढ़ की समस्याओं ने पुल के काम को रोक दिया था जिसे शकील अहमद ने गांववासियों के साथ मिलकर पूरा किया।

आपको जानकर हैरानी होगी कि आखिर शकील को लोगों के लिए पुल बनाने की प्रेरणा कहां से मिली, इसकी कहानी भी बेहद दिलचस्प है। आपको बता दें कि साल 1982 में गांव की एक घटना ने शकील अहमद को झकझोर कर रख दिया था। जब पुल नहीं होने की वजह से नदी पार करने के लिए एक बच्चा नाव की सवारी कर रहा था लेकिन नाव के डूब जाने की वजह से बच्चे की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद शकील अहमद ने यह प्रण किया कि वह नदी पर पुल बनाकर रहेंगे।

शुरुआती दौर में उन्होंने पुल के निर्माण के लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी, सांसद, विधायक सभी के चक्कर लगाए पर किसी ने भी उनकी नहीं सुनी लेकिन जब कोई फायदा नहीं हुआ तो उन्होंने खुद ही यह बीड़ा उठाते हुए आखिरकार पहला पुल खड़ा करा दिया और देखते ही देखते पुल को 1982 में तैयार कर आवागमन भी जारी करा दिया, जिसे देखकर उनकी आलोचना करने वाले भी तारीफ करने लगे।

और इसके बाद उनके इस जज्बे को देखकर लोग उनसे जुड़ते गए और कारवां बनता चला गया। और आज आजमगढ़ में वो अपने असली नाम नहीं, बल्कि पुलिया वाले के नाम से ज्यादा चर्चित हो चुके हैं। जो तोहफा उन्हें उनके साहस और जनता के प्यारे मिला है।

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