भाजपा के राज मे न ही दलितो पर अत्याचार थमने का नाम ले रहा है और न ही महिलाओं पर अत्याचार पर सरकार ऐसे विवादित मामलो पर किसी भी प्रकार का कोई ठोस कदम नही उठा रही जिससे की अपराधो को जड़ से समाप्त किया जा सके और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए फिर चाहे वो अपराधी कोई नेता ही क्यों न हो। अब एक ऐसा ही एक मामला बिहार के औरंगाबाद से सामने आया है जहां रविवार को एक पंचायत चुनाव के बीच अपनी हार के चलते एक प्रत्याशी को इतना गुस्सा आया कि उनसे एक दलित के साथ ऐसा अभद्र व्यवहार किया जिसने पूरे समाज को एक बार फिर शर्मसार कर दिया।
आपको बता दे कि ये पूरा मामला बिहार के औरंगाबाद जिले का है। जहां रविवार को समाप्त हुए पंचायत चुनाव के बीच बिहार पंचायत चुनाव के 10 वें चरण के तहत कुटुंबा प्रखंड में हारे हुए एक प्रत्याशी को अपनी हार बर्दाश्त नहीं हुई। और वो अपनी हार से इस कदर बौखला गया कि उसने अपने क्षेत्र के दलित वोटरों के बीच पहुंचकर, वहां मौजूद दो मतदाताओं के साथ मारपीट तो की ही, साथ ही उनसे उठक बैठक भी कराई। और जब दबंग मुखिया प्रत्याशी जी का मन, इतने से भी नही भरा तो उसने पूरे समाज को शर्मसार करने वाला कृत्य करते हुए उन दोनों से जबरन थूक भी चटवाया।
हालांकि मुखिया प्रत्याशी की इस तालिबानी हरकत को किसी ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। बड़ी तेज़ी से वायरल हुआ यह मामला कुटुंबा प्रखंड के सिंघना पंचायत के खरांटी टोले भुइयां बिगहा का है। और हारा हुआ यह दबंग प्रत्याशी बलवंत सिंह है, जिसने यहां से मुखिया पद के लिये चुनाव लड़ा था, मगर वो हार गया और बौखलाहट में उसने यह शर्मनाक हरकत को अंजाम दिया ।
पर जैसे ही उसकी इस शर्मनाक हरकत का वायरल हो रहा वीडियो डीएम सौरभ जोरवाल तथा एसपी कान्तेश कुमार मिश्र तक पहुंचा, तो दोनों ने इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए, अम्बा थाना को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए आरोपी बलवंत को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। जिसके बाद तुरंत आदेश का पालन करते हुए अम्बा पुलिस ने बिना देर किये कार्रवाई करते हुए उसे धर दबोचा। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है।
पर हमे समझना होगा कि कहीं न कहीं अभी भी हमारे समाज मे रहने वाला एक बड़ा तबका ऐसा है जो ऊंच नीच भेदभाव दलित ब्राह्मण जैसी समाज को बांटने वाली सोच पर बल देता है जो न ही हमारे समाज के लिए अच्छा है और न ही देश के बेहतर भविष्य के लिए,
तो कहीं न कहीं देश के बदलते रंग रूप के साथ ही हमे अपनी सोच भी बदलनी होगी जिससे की हमारे देश भी उन्नति के क्षेत्र मे आगे बढ़ सके।