[ KABEER NEWS DESK ]
सरकार से नीट परिक्षा की काउंसिलिंग जल्द कराने को लेकर अपनी मांग के चलते धरने पर बैठे आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने आखिरकार अपना कार्य बहिष्कार वापस ले लिया है। जिसके बाद वे बृहस्पतिवार शाम से ही आईपीडी, इमरजेंसी, आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर सहित सभी वार्डो मे और बाकी जगहों पर सेवाएं देना शुरू कर दिया था और शुक्रवार से ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को भी सेवाएं देंगे।
आपको बता दे कि ये पूरा मामला 27 नवंबर से शुरू हुआ था जब एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने नीट पीजी की काउंसिलिंग कराए जाने की मांग के संबंध में कार्य बहिष्कार शुरु कर दिया था। जिसमे उन्होने सबसे पहले ओपीडी का कार्य बहिष्कार किया, जिसके बाद 4 दिसंबर से वार्डों में भर्ती मरीजों का इलाज भी बंद कर दिया और 8 दिसंबर से एनआईसीयू व पीआईसीयू को छोड़कर बाकी सभी सेवाओं का भी बहिष्कार कर दिया। साथ ही उन्होने इमरजेंसी और आईसीयू में पहुंचने वाले मरीजों को भी नहीं देखा।
जिसके बाद आखिरकार बृहस्पतिवार को फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के कहने पर कार्य बहिष्कार को वापस ले लिया गया जिसके बाद सभी जूनियर डाक्टरो ने ये धरना प्रदर्शन वापस लिया और वापस काम पर लौट आए। हालांकि शाम करीब चार बजे तक सभी जूनियर डॉक्टर धरना स्थल पर ही बैठे थे।
इस मामले को लेकर खत्म हुए धरने पर रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनुराग मोहन ने कहा कि फिर से कोरोना का संकट गहरा रहा है और स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में मामले को रखा है। हड़ताल का निर्णय फोर्डा का था, उन्होंने यह निर्णय लिया है कि कार्य बहिष्कार वापस लिया जाएगा। हमारी मांगों को सरकार कितना महत्व देती है, इसको देखकर रणनीति बनाई जाएगी।
साथ ही रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. अनुपम सिंह यादव ने कहा कि सरकार ने शुरू में कोई रुचि नहीं दिखाई, इसलिए कड़ा रुख अपनाना पड़ा। दो दिनों से सरकार का रवैया संतोषजनक है। सात दिन बाद फिर चर्चा की जाएगी। यदि कार्रवाई संतोषजनक नहीं होगी तो फिर से कार्य बहिष्कार किया जाएगा।