[ KABEER NEWS DESK ]
आगरा के डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 86वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में मंगलवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुआ। इस समारोह में गोल्डन गर्ल शिवानी सिंह को 13 मेडल प्रदान किए गए।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिवानी सिंह को 12 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल प्रदान किया। कुल मिलाकर 69 छात्र-छात्राओं को 109 पदक प्रदान किए गए। इसमें 95 स्वर्ण और 14 रजत पदक हैं। 93 छात्र-छात्राओं को एमफिल और आठ को डी-लिट की उपाधि दी गई।
इस दीक्षांत समारोह में खासकर छात्राओं का जलवा रहा जिनमें 109 में से 74 पदक छात्राओं के खाते में आए। जबकि छात्रों को केवल 35 पदक ही मिले। सर्वाधिक 13 पदक एसएन मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल की छात्रा शिवानी सिंह को प्रदान किए गए।
शिवानी सिंह ने एमबीबीएस की परीक्षा एसएन मेडिकल कॉलेज से उत्तीर्ण की है। शिवानी सिंह को विभिन्न विषयों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने में 12 स्वर्ण और एक रजत पदक प्रदान किया गगा। शिवानी सिंह अलीगढ़ की रहने वाली हैं। अभी पीजी की तैयारी कर रही हैं।
साथ ही और भी कई और छात्रों को भी सम्मान प्राप्त हुए जिनमें राजकीय कन्या महाविद्यालय, सिरसागंज, फिरोजाबाद की एमए हिंदी अंतिम वर्ष की छात्रा कुमारी उपासना को 5 पदक, डीएस कॉलेज, अलीगढ़ के एलएलबी अंतिम वर्ष के छात्र दीपक शर्मा को 4 पदक, केए पीजी कॉलेज, कासगंज के एमए अर्थशास्त्र अंतिम वर्ष का छात्र उदित माहेश्वरी को 4 पदक सहित और भी कई छात्रों को इस सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस दीक्षांत समारोह में मंच पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल साथ विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय और परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान राज्यपाल ने टीबी से ग्रसित बच्चों को स्कूल बैग भी बांटे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने सभी छात्रों, अभिभावकों और अधिकारिकगणों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों का भविष्य उज्जवल है। अच्छे इंसान बनकर देश और समाज की सेवा करें।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने भाषण में विश्वविद्यालय की अनियमितताओं और डिग्री के लिए परेशान छात्रों को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि लाखों डिग्रियां कैसे पेंडिंग पड़ी हुई हैं, कितनी फर्जी डिग्रियां पाई गईं, 5000 फर्जी डिग्रियों का मामला हाईकोर्ट में चला। क्या उसकी जिम्मेदारी हम पर नहीं है ? अधिकारी अब प्रण लें कि एक भी डिग्री फर्जी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पांच इमारतों का उद्घाटन किया लेकिन क्वालिटी एजुकेशन के लिए क्या प्रयास किए यह नहीं बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि अध्यापकों की पदोन्नति में गड़बड़ियां की गईं। ऐसी 300 अनियमित फाइल उनके पास पड़ी हुई हैं। अब जिसने गड़बड़ी की है उसे सजा मिलेगी। जिसके आखिरी साइन फाइल पर होंगे उसकी जवाबदेही होगी। शिक्षक लेक्चर लेकर घर ना चले जाएं। इसके लिए समिति बनाकर उन्हें कई जिम्मेदारियां दें। कुलपति नैक की रेटिंग के लिए प्रयास नहीं करते हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि पांच गांव को गोद लेकर महिलाओं की समस्याओं को दूर करें। स्वयं सहायता समूह से जो महिलाएं जुड़ी हैं वह क्या काम कर रही हैं उन्हें सुनिए और उनके द्वारा किए जा रहे बदलाव को जानिए। आगरा में भी कई स्वयं सहायता समूह से उनके काम को लेकर चर्चा करें, उनकी बातें सुने और आगे बढ़ाएं।
साथ ही यमुना को स्वच्छ करने को लेकर भी उन्होंने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नदियां निर्मल हो इसके लिए विश्वविद्यालय प्रयास करें। यमुना नदी की अनदेखी की जा रही है। कम से कम अपनी यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए एक दिन जाकर सफाई करें और पौधे लगाएं। हर महीने एक कार्यक्रम ऐसा किया जाए। यमुना अच्छी होगी तो यहां आने वाले लाखों पर्यटक भी प्रसन्न होंगे।
उन्होंने विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में पदक लेने वाले छात्रों से आह्वान किया कि वह अपनी विदाई के साथ समाज की बेहतरी के लिए योगदान देंगे। सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत अंबेडकर विश्वविद्यालय एक-एक गांव गोद लेकर आर्थिक विकास में अपना योगदान दें। महिला विकास, टीबी, स्वच्छता समेत मुद्दों को पाठ्यक्रम में शामिल करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल भाव भी यही है। जो समाज को बदलाव लाए। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और शोध कार्यों को भी प्रभावी और प्रमाणिक तरीके से कराया जाए। इसके लिए युवा आगे आए और शैक्षणिक सामाजिक बदलाव में शोध का उपयोग करें।
आपको बता दें कि राज्यपाल के आगमन से पहले ही विभिन्न छात्र संगठनों की पदाधिकारियों को नजर बंद कर दिया। देर रात से एनएसयूआई और सपा छात्र सभा के पदाधिकारियों को पुलिस ने नजरबंद कर दिया था। ये छात्र नेता छात्रों की समस्याओं के निस्तारण की मांग कर रहे हैं। इसको देखते हुए पुलिस ने छात्र नेताओं को नजरबंद किया है।